Tuesday 22 January 2013

हमने तो बाजी प्यार की हारी ही नहीं है


हमने तो बाजी प्यार की हारी ही नहीं है
जो चॅूंके निशाना वो शिकारी ही नहीं है
कमरे में इसे तू ही बता कैसे सजायें
तस्वीर तेरी दिल से उतारी ही नहीं है।

— कवि देवल आशीष

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